Sudheer Maurya
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दो लुटेरों में लूट के माल को लेकर झगड़ा हो गया। झगड़ा इतना बढ़ा की एक लुटेरे ने अपने पिस्तौल से दुसरे पर गोली चला दी।
गोली सनसनाती हुई दुसरेलुटेरे के कान को हवा देती हुई निकल गयी। पहला हँसते हुए बोला खैरकर तू मेरी बीवी का भाई है नहीं तो गोली सीधे सर से टकराती। चल तेरा एक हिस्सा और मेरा तीन हिस्सा।
कुछ दिन बाद वापस लूट के माल को लेके वो फिर झगड़ बैठे। अबकी बार पिस्तौल दुसरे लुटेरे के हाथ में थी। वो पहले के सीने में गोली मरते हुए बोला तुझसे कितनी बार कहा अपनी बहन को मेरी बीवी बना दे। पर तू मेरी बात मजाक में टालता रहा। न तीन न एक अब सारा हिस्सा मेरा।
अपनी माटी, प्रवासी दुनिया, प्रवक्ता और रचनाकार आदि में प्रकाशित।
सुधीर मौर्य 'सुधीर'
गंज जलालाबाद, उन्नाव
209869
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